हेम-कुण्डल-भूषां च, पीत-चन्द्रार्ध-शेखराम् । पीत-भूषण-भूषाढ्यां, स्वर्ण-सिंहासने स्थिताम् ।।
जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा
ॐ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।
By Vishesh Narayan Summary ↬ Baglamukhi Shabar Mantra is very exploited to penalize enemies also to dethrone the hurdles in life. Sometimes currently being blameless and without any issues, the enemy regularly harasses you for no cause. The mantra gets rid of the evilness and strengths of enemies.
बगलामुखी शाबर मंत्र एक बेहद ही प्रभावशाली और प्रमुख तांत्रिक मंत्र है जिसका जाप मां बगलामुखी देवी की उपासना हेतु किया जाता है। माना जाता है की मां बगलामुखी देवी की कृपा से आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का अंत होता है। मां बगलामुखी देवी को न्याय दिलाने वाली और रक्षा करने वाली देवी भी कहा जाता है। उनके इस मंत्र का जाप आपके सभी शत्रुओं पर आपकी विजय होती है।
पीनोन्नत-कुचां स्निग्धां, पीतालाङ्गीं सुपेशलाम् । त्रि-लोचनांचतुर्हस्तां, गम्भीरांमद-विह्वलाम् ।।२
Baglamukhi is often a deity in Hinduism connected with the power of knowledge and victory. This Mantra is actually a style of mantra which is thought for being highly powerful and is commonly chanted for specific applications.
मदिरामोद-वनां प्रवाल-सदृशाधराम् । पान-पात्रं च शुद्धिं च, विभ्रतीं बगलां स्मरेत् ।
If someone hopes to see a Baglamukhi Mantra miracle, they must also find out the method as well as the approaches to chant the mantra in the right way along with the Baglamukhi mantra that means.
ऋषि श्रीकालाग्नि-रुद्र द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी
वन्दे स्वर्णाभ-वर्णां मणि-गण-विलसद्धेम- सिंहासनस्थाम् ।
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय
भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के click here प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।
जिव्हा खिंच लो शत्रु की सारी, बोल सके न बिच सभारी तुम मातु मैं दास तुम्हारा,